मणिपुर हिंसा पर भारत के सर्वोच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ जी के द्वारा सख्त टिप्पणी के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने सांसद के मानसून सत्र के पहले दिन संसद भवन के बाहर 36 सेकंड का संदेश मणिपुर हिंसा कर दिये मणिपुर हिंसा में अब तक लगभग 5000 परिवार बेघर हो गया एवं करीब-करीब145 लोगों की जान चली गई लेकिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मौन धारण करके बैठे हुए थे सुप्रीम कोर्ट के सख्त हिदायत के बाद पहली बार माननीय प्रधानमंत्री जी ने चुप्पी तोड़ी मानसून सत्र के पहले दिन अब भारत के सर्वोच्च न्यायालय हर बातों में देश की हर छोटी बड़ी समस्या के ऊपर हिदायत की बात सरकार को कहती है फिर सरकार अपना ढुलमुल रवैया अपनाते है क्या यही ।।सबका साथ ।।सबका विकास ।।और ।।सबका विश्वास ।।का नारा देने वाले माननीय प्रधानमंत्री जी को देश की 140 करोड़ जनता चुना था मणिपुर हिंसा पर माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी पर विश्वास था लेकिन लगभग 3 महीने बीत जाने के बाद मणिपुर हिंसा पे माननीय प्रधानमंत्री जी ने सिर्फ 36 सेकंड का संसद भवन परिसर में अपना संदेश मैं छत्तीसगढ़ ।और राजस्थान। मणिपुर। सरकार के ऊपर बयान देकर अपना पल्ला झाड़ते हैं क्या मणिपुर हिंसा के उन पीड़ित परिवारों को को माननीय प्रधानमंत्री जी का दायित्व नहीं बनता है कि उनको सांत्वना दें उनको भरोसा दे की दंगाइयों के ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी आज माननीय प्रधानमंत्री जी बेटी बढ़ाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देते हैं लेकिन वही बेटियों के साथ मणिपुर में कितना घिनौना कुकर्म मणिपुर में किया गया आज पूरा भारत सोशल मीडिया के माध्यम से देख रहा है आज हमारे देश के गृहमंत्री जी ताकतवर एवं बुलंद आवाज में कहते हैं कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा करीब-करीब 3 महीने बीत जाने के बाद भी मणिपुर में किन-किन दोषियों को सजा मिली यही 140 करोड़ देश की जनता जानना चाहती है
समय रहते अगर हिंसा के ऊपर भारत के माननीय प्रधानमंत्री जी एवं गृह मंत्री जी कार्यवाही नहीं करते हैं तो वह दिन दूर नहीं जो हर बातों में माननीय देश की सर्वोच्च न्यायालय अपनी ओर से कार्रवाई करने की सरकार को अध्यादेश लागू करेगी ?
न्यूज़ पथ संवाददाता =अमरेंद्र चौधरी
21/07/2023